Crime Emergency Response Team

cyber crime: बड़े खतरे साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस कर रही ऐसी तैयारी

साइबर अपराध के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों ने इसके लिए मास्टर प्लान बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसके तहत प्रदेश के हर थाने में साइबर डेस्क बनाने की तैयारी है। इसके लिए पुलिस के तीन हजार कर्मचारियों और अधिकारियों को हाईटेक ट्रेनिंग दी जाएगी।

प्रदेश में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश में करीब एक हजार केस दर्ज हुए, जबकि शिकायतें कई गुना थीं। इंदौर में जनवरी 2022 में साइबर अपराध से जुड़ी एक हजार शिकायतें आ चुकी हैं। पत्रिका ने साइबर ठगी के नए हथकंडों से बचने के लिए जनता को जागरूक किया है। इसी आधार पर पुलिस ने कार्ययोजना बनाकर मुख्यालय व शासन को भेजी है। राज्य साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने इस आशय का प्रस्ताव बनाया है। इसके तहत हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क रहेगी। वहां प्रशिक्षित कर्मचारी-अधिकारी को तैनात किया जाएगा, ताकि पीडि़त के मामले में तुरंत कार्रवाई हो सके।

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साइबर अपराध से निपटने की तैयारी- तीन हजार कर्मचारी-अधिकारी को देंगे हाईटेक ट्रेनिंग।
– हर जिले में एडवांस टेक्निकल सेल का गठन होगा, जो गंभीर अपराध में थानों की मदद करेगी।- अत्याधुनिक गजेट्स और सॉफ्टवेयर उपलब्ध होंगे।
– अभी प्रदेश में साइबर के 4 जोनल कार्यालय (इंदौर, उज्जैन, भोपाल व जबलपुर) हैं। इन्हें बढ़ाकर 10 किया जाएगा। यानी हर बड़े शहर में साइबर सेल की टीम तैनात होगी।- भोपाल अथवा इंदौर में हाईटेक ट्रेनिंग इकाई बनाई जाएगी, जहां लगातार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
– हर जिले में एक टीम लगातार जागरुकता अभियान चलाएगी।———
अधिकांश आरोपी दूसरे प्रदेशों के, इन्हें पकडऩे के लिए रहेगी विशेष टीम

साइबर अपराध में शामिल अधिकांश अपराधी दिल्ली, बिहार, झारखंड, राजस्थान आदि प्रदेशों के होते हैं। इनकी तलाश में टीमें लगातार नहीं जा पाती है। अधिकारी इस तरह के प्रयास में हैं कि एक विशेष टीम बने, जो सिर्फ आरोपियों को पकडऩे के लिए लगातार काम करेगी।
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साइबर अपराध बड़ी चुनौती है। इसके लिए कार्ययोजना शासन को भेजी है। पुलिसकर्मियों को साइबर का पर्याप्त अनुभव नहीं है, इसलिए उन्हें ट्रेनिंग देने पर जोर है। एक ट्रेनिंग सेंटर का भी प्रस्ताव भेजा है। पुलिस की फॉरेंसिक दक्षता बढ़ाएंगे।
योगेश देशमुख, एडीजी, साइबर सेल——–
साइबर लैब बनाएंगे, स्पेशल टीम बना रहेइंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच साइबर ठग भी सक्रिय हैं। इनसे निपटने के लिए पुलिस की पूरी तैयारी है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी के नेतृत्व में विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम बनाई जा रही है। अलग साइबर लैब भी बनाएंगे।
हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर

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साइबर अपराध: फैक्ट- सबसे ज्यादा 85 प्रतिशत शिकायतें ओटीपी फ्रॉड की होती हैं। बैकिंग अथवा फंड ट्रांसफर में ओटीपी फ्रॉड होता है।
– सोशल अकाउंट हैकिंग, फर्जी अकाउंट आदि की करीब 15 प्रतिशत शिकायतें मिलती हैं।- साइबर सेल में वर्ष 2021 में 430 शिकायतें आईं, 43 केस हुए दर्ज।
– क्राइम ब्रांच में 1122 आईं शिकायतें।

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