साइबर फ्रॉड के एक मामले में चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में कैद विक्की नामक आरोपी से जब्त 8 मोबाइल फोन और 4 इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी(IMEI) नंबर्स देश भर में 1,352 साइबर अपराध से लिंक्ड हैं। इसका खुलासा इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर्स (आईसीसीसी) के जरिए हुआ है। साइबर अपराध चंडीगढ़ समेत देश भर में बढ़ रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए ठोस रणनीति भी बनाई जा रही है। आईसीसीसी की स्थापना इस दिशा में बड़ा कदम है। इसकी मदद से पता चल पा रहा है कि आरोपियों ने किस नंबर से कितने साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम दिया। इस जानकारी के आधार पर पुलिस कई वारदातों को जल्द सुलझा पाएगी।
विकास उर्फ विक्की को चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल ने पकड़ा था। मूल रुप से हरियाणा के फतेहाबाद के रहने वाला विक्की(23) को बीते 18 अप्रैल को क्रेडिट कार्ड फ्रॉड मामले में पकड़ा गया था। उसके कब्जे से पुलिस ने 8 मोबाइल फोन बरामद किए थे। उसका 5 दिनों का रिमांड लिया गया था। इस दौरान उसने कबूला था कि उसने आसाम, उड़ीसा के सिम कार्ड और अकाउंट इस्तेमाल किए थे जो फर्जी पतों पर लिए गए थे। इन्हीं के जरिए उसने मासूम लोगों को ठगी का शिकार बनाया।
रिफंड देने का झांसा देकर हजारों की ठगी की
विकास को चंडीगढ़ पुलिस ने एक महिला को एसबीआई क्रेडिट कार्ड के नाम पर 83,979 रुपए की ठगी की थी। बीते 17 फरवरी को केस दर्ज हुआ था। चंडीगढ़ में दर्ज केस के मुताबिक महिला ने कहा था कि उन्हें अज्ञात नंबर सये कॉल आई थी। व्यक्ति ने बताया था कि उनका एसबीआई कार्ड रिफंड इश्यू है। उसने खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड कर्मी बताया और कहा कि उनका कार्ड ब्लॉक हो गया है। ऐसे में यदि वह रिफंड चाहती हैं तो अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी सांझी करनी पड़ेगी। ऐसे में महिला ने जैसे ही जानकारी सांझी की तो उनके आरबीएल क्रेडिट कार्ड से 83,979 रुपए निकल गए। सेक्टर 17 पुलिस थाने में दर्ज केस की जांच साइबर सैल ने करते हुए आरोपी को दबोचा था।
तय प्रक्रिया के तहत पोर्टल पर जानकारी डालनी ज़रुरी
चंडीगढ़ पुलिस ने एमएचए द्वारा बनाए गए आईसीसीसी के अंतर्गत तय प्रक्रिया अपनाते हुए जब्त फोन और IMEI आईसीसीसी के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए थे। आईसीसीसी एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल है जिसमें हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस साइबर अपराधियों से जब्त किए गए मोबाइल के नंबर और IMEI अपलोड करते हैं। विक्की से बरामद मोबाइल और उनके IMEI नंबर भी चंडीगढ़ पुलिस ने इस पोर्टल पर अपलोड किए थे। इसके तहत पुलिस को जानकारी मिली कि इन नंबरों से जुड़े 1,352 साइबर फ्रॉड केस दर्ज हैं। देश में कई जगह के लोग इन ठगियों के शिकार बने थे।