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शातिर ठग को कोटा पुलिस ने भोपाल से किया गिरफ्तार, एक दर्जन वारदातें करना किया स्वीकार

कोटा 21 अप्रेल। सांगोद पुलिस ने मध्यप्रदेश के भोपाल निवासी शातिर ठग आसिफ खान पुत्र अब्दुल कदीर (47 ) को थाना निशातपुरा जिला भोपाल क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इसके 1 साथी शफीक खान निवासी भोपाल को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी छोटे कस्बों में बुजुर्ग व्यापारियों को खुल्ले पैसे के बदले बंधे रुपए देने का झांसा देकर ठगी किया करते थे। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने राजस्थान के कोटा, झालावाड़ व बारां जिले में एक दर्जन ठगी की वारदात करना स्वीकार किया है।
रूरल एसपी कावेंद्र सिंह सागर ने बताया कि 2 जनवरी को गांधी चौराहा निवासी 66 वर्षीय व्यापारी नरेंद्र कुमार ने थाना सांगोद पर एक रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें बताया एक व्यक्ति दुकान पर आया और काफी सारा सामान पैक करवा लिया। उसके बाद खुले रुपए के बदले बंधे रुपये देने की कहकर उससे 500-500 की दो गड्डियां कुल ₹1 लाख लेकर फरार हो गया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस सीताराम प्रजापत व सीओ रामेश्वर परिहार के सुपर विजन एवं थानाधिकारी राजेश कुमार सोनी के नेतृत्व में थाना सांगोद से विशेष टीम गठित की गई।
एसपी सागर ने बताया कि गठित टीम द्वारा कस्बे में विभिन्न मार्गों के 100 से ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरो की फुटेज को खंगाला और उसके आधार पर संदिग्ध कार को ट्रेस कर 24 मार्च को मुख्य आरोपी आसिफ के सहयोगी कार चालक शफीक को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के दौरान सोमवार को मुख्य आरोपी आसिफ खान को भी टीम ने थाना निशातपुरा क्षेत्र जिला भोपाल से गिरफ्तार कर लिया। जिसे मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर अन्य घटनाओं के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी आसिफ ने बताया कि वह अपने दोस्त शफीक के साथ कार से छोटे कस्बों में जाता। जहां शफीक कार लेकर एक जगह खड़ा हो जाता और आसिफ पैदल किसी बड़े दुकानदार से सौदा कर उसको पेमेंट लेकर आने का झांसा देकर उसकी मोटरसाइकिल मांग किसी नौकर या कर्मचारी को साथ ले जाता। फिर अन्य सामान खरीदने का बहाना बना दूसरी दुकान पर जाता।
आसिफ दूसरी दुकान पर कुछ सामान पैक करवाता तथा कई और सामानों का ऑर्डर देकर उस दुकान के सभी कर्मचारियों को काम पर लगा देता। फिर दुकानदार को खुल्ले रुपए लेकर बड़े नोट देने का झांसा देकर खुल्ले रुपए लेकर कार से बंधे नोट लाने की कहकर बाइक से फरार हो जाता। बाइक को कहीं भी खड़ा कर कार से दोनों टोल नाकों से बचते हुए वापस भोपाल पहुंच जाते। जुआ सट्टा और शराब के नशे के शौक को पूरा करने के लिए इस प्रकार की घटनाएं करना स्वीकार किया है।

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