जामताड़ा के एक शातिर साइबर ठग ने पुलिस को जो लेटर भेज नोटिस का जवाब दिया है उसे पढ़कर पुलिस अब सिर धुन रही है. असल में उस साइबर ठग को जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद पुलिस बार-बार थाने में हाजिर होने के लिए नोटिस भेज रही थी. लेकिन वो थाने में हाजिर नहीं हुआ. इसके बाद उसका डाक के जरिए आए जवाब में लिखा है …
इतने शॉर्ट नोटिस में उपस्थित हो पाना मुश्किल है, क्योंकि मैं अपने बिजनेस में व्यस्त हूं.
कभी पिता अखबारों की रद्दी बेचते थे
Cyber Crime News : अब ये जवाब पढ़कर पुलिसवाले भी परेशान हैं. सोच रहे हैं कि अब किया तो क्या किया जाए. ऐसा कौन सा बिजनेस कर रहा है जिसमें वो व्यस्त है. पुलिस भी मान रही है कि वो साइबर ठगी में फिर से व्यस्त हो गया है.
बस उसने अपना ठिकाना बदल लिया है. लेकिन उसका ये ठिकाना कहां है उसब बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. ये साइबर क्रिमिनल वही शख्स है जिसके पिता कभी अखबारों की रद्दी बेचा करते थे. बेटा यानी साइबर ठग भी कभी पुरानी साइकिल पर शुरू में वही काम करता रहा.
लेकिन फिर अचानक कुछ सालों बाद वो लखपती और फिर करोड़पति बन जाता है. दरअसल, रातोंरात करोड़पति बनने के पीछे का खेल है साइबर ठगी का. जिस शख्स के बारे में ये बात हो रही है उसका नाम है आनंद रक्षित. गिरफ्तारी के बाद हाल में ये जमानत पर जेल से बाहर आया है. लेकिन फिर से अपने घर से गायब हो गया है.
6 साल पहले दर्ज हुआ था पहला मामला
Crime News in Hindi : बताया जाता है कि आनंद रक्षित पिछले कई सालों से साइबर ठगी कर रहा है. ये खासतौर पर बैंकों के ग्राहकों की डिटेल लेकर उन्हें अपने जाल में फंसाता है. इसके बाद उनके खाते से लाखों रुपये की ठगी करता रहा है. इसे पुलिस ने जब गिरफ्तार किया तब उसके पास से ही 21 लाख से ज्यादा रुपये बरामद किए थे.
इसके अलावा उसके पास से कार, तीन एलइडी टीवी, 8 मोबाइल फोन, 12 पासबुक, करीब 7 लाख रुपये के फिक्स डिपाजिट के कागजात भी मिले थे. पुलिस की जांच में उसके पास से 50 लाख से ज्यादा की संपत्ति निकली थी. जिस नेटवर्क को वो चला रहा है उनकी कमाई करोडों की है. पुलिस ने इसके घर पर 27 अगस्त 2021 को छापेमारी की थी. इसके खिलाफ पहला मामला 6 साल पहले दर्ज हुआ था.
इन शर्तों पर जेल से आया था बाहर
Crime News in Hindi : इसके बाद जेल से जमानत पर उसे शर्तों के साथ रिहा किया गया था. इसके बाद पुलिस के नोटिस भेजने पर वो एक या दो बार थाने में हाजिरी देने भी पहुंचा था. लेकिन पिछले काफी समय से नोटिस मिलने के बाद भी वो नहीं आ रहा है.
हर बार घर से वो नदारद ही मिला. नोटिस उसकी पत्नी ने ही रिसीव किया. इसके बाद कई बार नोटिस देने के बाद भी वो नहीं आया. फिर अचानक उसका भेजा हुआ एक लेटर मिलता है. जिसमें उसने लिखा था कि वो अपने बिजनेस में व्यस्त है. इसके साथ ही उसने ये भी लिखा है कि आवश्यकता पड़ने पर वह लिखित बयान दर्ज करवाने साइबर थाना पहुंच सकता है, लेकिन इसके लिए उसे समय देना होगा.