सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2019 से 2021 तक अलवर, भरतपुर व भिवाड़ी पुलिस जिले में कुल 552 प्रकरण दर्ज हुए। जिसमें से मात्र 78 मामलों में ही पुलिस चालान पेश कर सकी। वहीं 379 मामलों में एफआर लगा दी। पिछले तीन साल के 95 मामले लंबित हैं। पुलिस ने इस दौरान 246 अभियुक्त गिरफ्तार भी किए हैं।
अलवर. Cyber Thug: पूर्वी राजस्थान का मेवात क्षेत्र साइबर ठगों का गढ़ बन गया है। अलवर और भरतपुर जिलों के गांवों में बैठकर साइबर ठग शातिर तरीकों से देशभर में ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस भी इन ठगों के आगे पस्त है। पिछले तीन सालों में अलवर और भरतपुर जिले के मेवात क्षेत्र में साइबर ठगी और आईटी एक्ट के 68 प्रतिशत से ज्यादा मामलों को पुलिस ने झूठा बताकर एफआर लगा दी। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2019 से 2021 तक अलवर, भरतपुर व भिवाड़ी पुलिस जिले में कुल 552 प्रकरण दर्ज हुए। जिसमें से मात्र 78 मामलों में ही पुलिस चालान पेश कर सकी। वहीं 379 मामलों में एफआर लगा दी। पिछले तीन साल के 95 मामले लंबित हैं। पुलिस ने इस दौरान 246 अभियुक्त गिरफ्तार भी किए हैं।
देशभर के 70 प्रतिशत साइबर फ्रॉड के मामले मेवात सेमेवात के ठग रोज लाखों रुपए की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। मेवात के करीब 150 गांवों से देशभर में साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। देशभर के 70 प्रतिशत से ज्यादा साइबर फ्रॉड की लोकेशन मेवात क्षेत्र से ही मिल रही है। जानकारी के अनुसार पिछले तीन साल में मेवात में 3 हजार से ज्यादा साइबर ठगी की घटनाएं हुई हैं। लेकिन पुलिस अधिकांश मामलों में एफआइआर दर्ज नहीं करती।ये इलाके साइबर अपराध के गढ़:अलवर: रामगढ़, गोविंदगढ़, नौगांवा, घेघोली, तिजारा, भिवाड़ी टपूकड़ा, सैदमपुर, पिपरोली, सदर थाना क्षेत्र।भरतपुर: कामां, पहाड़ी, सीकरी, भैंसड़ावत, कैथवाड़ा, नगर, गोपालगढ़ आदि क्षेत्रभरतपुर: कामां, पहाड़ी, सीकरी, भैंसड़ावत, कैथवाड़ा, नगर, गोपालगढ़ आदि क्षेत्र।