आज के समय हम सभी लोगों के पास स्मार्टफोन है। इसने हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है। मोबाइल फोन ने हमें एक वर्चुअल इकोसिस्टम दिया है, जहां पर हमारे सभी काम आसानी से हो जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्मार्टफोन यूजर्स के साथ होने वाले साइबर ठगी के कई मामले सामने निकलकर आ रहे हैं। बीते कुछ सालों में साइबर ठगी के इन मामलों में एक बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। अगर आप भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। देश में साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए हैकर्स तरह तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में आप भी उनका शिकार हो सकते हैं। इससे आपका पर्सनल डाटा तो चोरी होगा ही इसके अलावा आपको एक बड़े नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसी कड़ी में आज हम आपको उस काम के बारे में बताने वाले हैं, जिसे आपको भूलकर भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय नहीं करना चाहिए।
अक्सर लोग मुफ्त इंटरनेट पाने के लिए फ्री वाई-फाई से अपने फोन को कनेक्ट कर लेते हैं। अगर आप भी ये गलती कर रहे हैं, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। ऐसा करने पर आपके साथ एक बड़ा साइबर अपराध हो सकता है।
ऐसे कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जिनमें पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन यूजर्स का मोबाइल हैक किया गया है। हैकर्स पब्लिक वाई-फाई के जरिए आपका मोबाइल फोन हैक करने के बाद आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं।
इससे आपका निजी डाटा हैकर्स के पास पहुंच सकता है। ऐसे में हैकर्स आपके निजी डाटा की मदद से आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं। अक्सर जब भी आप फ्री पब्लिक वाई-फाई से अपने मोबाइल फोन को कनेक्ट करते हैं। इस स्थिति में हैकर्स आपके मोबाइल के मैक एड्रेस और आईपी एड्रेस को राउटर में दर्ज कर लेते हैं।
ऐसे में जब डाटा पैकेट्स के रूप में ट्रांसफर होता है। उस दौरान हैकर्स ट्रांसफर हो रहे इन डाटा पैकेट्स को इंटरसेप्ट करके आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री के बारे में जान सकते हैं। ऐसे में अगर आप किसी पब्लिक वाई-फाई से अपने स्मार्टफोन को कनेक्ट कर रहे हैं। इस स्थिति में आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।
पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय आपको उसकी विश्वसनीयता की जांच कर लेनी चाहिए। कभी भी किसी अनजान वाई-फाई से अपने मोबाइल फोन को कनेक्ट न करें। इसके अलावा आपको कभी भी पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय ट्रांजैक्शन नहीं करनी चाहिए।