सोशल साइट्स पर लड़की का प्रोफाइल देखकर अगर आप फिसले तो समझिए आप साइबर क्रिमिनल के चंगुल में फंस गए हैं। अनजान मोबाइल नंबर से आपके वॉट्सऐप पर मैसेज या वीडियो कॉल आता है, उसके DP में लड़की का फोटो लगा है और इसे देख आप यहां भी फिसले तो यह भी आपकी बड़ी गलती होगी।
आपको वीडियो कॉल आएगा। बगैर कपड़ों के लड़की वीडियो कॉल में खड़ी मिलेगी। फिर वो अश्लील हरकतें करेगी। चंद सेकेंड के इस खेल में स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए आपका वीडियो बन जाएगा। फिर उसे डिलीट करने के नाम पर शुरू होगा डराने, धमकाने और रुपयों की ठगी का खेल। साइबर अपराधियों ने 10वीं के स्टूडेंट से लेकर 69 साल के बुजुर्गों को निशाना बनाया है। बिहार में हर महीने 300 सेक्सटॉर्शन के केस दर्ज हो रहे हैं। इससे ज्यादा बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं कराते।
साइबर क्रिमिनल्स फर्जी नाम, रसीद और मुहर का कर रहे हैं इस्तेमाल
डराने-धमकाने के लिए फर्जी नाम, रसीद और मुहर का सहारा लिया जा रहा है। फर्जी तरीके से नोटिस दिए जा रहे हैं। साइबर सेल के अनुसार साइबर अपराधी NIA, CBI और साइबर सेल का अधिकारी बन पीड़ितों को कॉल करते हैं। वीडियो डिलीट करने के नाम पर रुपयों की डिमांड करते हैं। रुपए मिलने के बाद उन्हें फर्जी रसीद थमाते हैं। उस पर मुहर लगाकर पेमेंट किए जाने का पेपर भी भेजते हैं।
सेक्सटॉर्शन से बचने के उपाय
- सेक्सटॉर्शन से बचने के लिए अधिकारी बताते हैं कि साइबर अपराधियों का शिकार होने से बचना है तो लोगों को अनजान नंबरों से आए वीडियो कॉल से सीधे बचना होगा। उसे रिसीव न करें।
- वीडियो कॉल पर अभद्र या अश्लील अनुरोध को स्वीकार न करें। अजनबी लोगों से चैट करते वक्त सावधानी बरतें। इनसे चैट करने से बचना होगा।
- अगर कोई व्यक्ति सेक्सटॉर्शन का शिकार होता है तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। उसे तत्काल अपने लोकल थाना या www.cybercrime.gov.in पर अपनी कंप्लेन दर्ज करा देनी चाहिए।