जोधपुर में साइबर क्राइम के शिकार हुए दो लोगों के 32 हजार रुपए पुलिस की तत्परता से बच गए। अलग-अलग शिकार हुए दोनों लोगों ने ठगी होते ही पुलिस से संपर्क साध लिया। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने हाथों हाथ एक युवक के पूरे बीस हजार रुपए तथा दूसरे के 17 हजार में से 12 हजार रुपए रिफंड करवा दिए।
सदर कोतवाली थाना प्रभारी हरीश चंद्र सोलंकी ने बताया कि धन्नाराम ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने फोन बेचने वाली एक वेबसाइट देखी। यहां पर महंगे फोन सस्ते दाम पर बेचे जाते है। उसने एक फोन पसंद किया। कस्टमर केयर पर बात करने पर मुझे बताया गया कि फोन के लिए बीस हजार रुपए जमा कराए जाए। मैने उनके बताए अनुसार बीस हजार रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद मेरे पास कंपनी की तरप से एक मेल आया। इसमें मेरे पते के स्थान पर किसी अन्य स्थान का पता लिखा देखा तो मुझे धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
इसी तरह चेतन गहलोत ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरे पास एक फोन आया। इसमें मुझे बताया गया कि फोन पे पर आपके लिए स्पेशल ऑफर आया हुआ है। फोनकर्ता ने मुझसे कहा कि मैं आपको एक लिंक भेज रहा हूं। इसे ओपन करने के बाद अपने यूपी्ाई नंबर इसमें डालना। ताकि आपके खाते में पैसे जमा कराए जा सके। ऐसा करते ही मेरे खाते से 17,797 रुपए निकाल लिए गए।
दोनों की शिकायत मिलने पर कांस्टेबल ताराचंद ने साइबर पोर्टल पर दोनों शिकायत दर्ज कराई। ताराचंद ने लगातार बैंक व अन्य अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा। ऐसा करने पर ताराचंद धन्नाराम के बीस हजार रुपए वापस लौटाने में सफल रहा। वहीं चेतन के 17,797 रुपए में से 12,498 रुपए ही वापस मिल पाए।
सोलंकी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी अनजान शख्स को फोन आने पर अपने यूपीआई नंबर या बैंक खाते की जानकारी शेयर न करे। साथ ही ऑन लाइन खरीदारी करने से पहले सही तरीके से जांच कर ले कि यह कंपनी विश्वसनीय है या नहीं। ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।