सबसे ज्यादा साइबर ठगी सर्च इंजन गूगल के जरिये की जा रही है। यह खुलासा साइबर सेल ने ऑनलाइन अपराध पर एक सर्वे के बाद किया है। सर्वे के मुताबिक, साइबर अपराधियों के निशाने पर 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं, जिन्हें अलग-अलग तरीकों से ठगा जा रहा है। यह सर्वे चंडीगढ़ में साइबर सेल की डीएसपी रश्मि शर्मा यादव के नेतृत्व में किया गया, जिसमें पुलिस के साथ इंटर्नशिप कर रहे पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक), पंजाब यूनिवर्सिटी, एमसीएम और यूआईईटी कॉजेल के लगभग 300 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और घर-घर जाकर यह सर्वे किया। सर्वे में पुलिस ने कुल 1393 लोगों को शामिल किया। इसमें 12 से 18 वर्ष के 14.9 प्रतिशत, 19 से 25 वर्ष के 20.9 प्रतिशत, 25 से 60 वर्ष के 58 प्रतिशत और बाकी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल रहे। सर्वे में शामिल कुल लोगों में 62.7 प्रतिशत महिलाएं और 37.3 प्रतिशत पुरुषों को रखा गया।
इस दौरान सामने आया है कि इंटरनेट के इस्तेमाल के वक्त लोग सबसे अधिक गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन, यूट्यूब और स्नैपचैट पर सक्रिय रहते हैं। खास बात यह है कि साइबर ठगों की निगाह भी इन्हीं वेबसाइट और एप्स पर रहती है और वो हर वक्त शिकार की तलाश में रहते हैं। इससे लोगों को बचाने के लिए चंडीगढ़ साइबर सेल ने जागरुकता मुहिम शुरू की है।
पुलिस ने अपने साथ कॉलेज की छात्राओं को जोड़ा है। ये छात्राएं स्कूल, कॉलेज, घर-घर जाकर और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही हैं। साइबर सेल के प्रभारी हरिओम शर्मा ने बताया कि साइबर अपराध से बचने का तरीका केवल जागरुकता ही है।
18 फीसदी लोग रोजाना दिन में 6 घंटा से अधिक रहते हैं ऑनलाइन
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 29.4 प्रतिशत लोग 0 से दो घंटे, 31.1 प्रतिशत लोग दो से चार घंटे, 21.5 प्रतिशत चार से छह घंटे और 18 प्रतिशत लोग 6 से घंटे ज्यादा समय ऑनलाइन रहते हैं। कार्य के लिए 58.7 प्रतिशत, पढ़ाई के लिए 34.1 प्रतिशत, मनोरंजन के लिए 57.4 प्रतिशत, ऑनलाइन खरीदारी के लिए 29 प्रतिशत और दोस्तों से बात करने के लिए 58.3 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। इंटरनेट का उपयोग करने के लिए सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले उपकरणों में मोबाइल 94.5 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर है। वहीं, लैपटॉप/कंप्यूटर 22.7 प्रतिशत, आईपैड/टैबलेट 37 प्रतिशत इस्तेमाल होता है।
फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर के जरिए भी हो रही ठगी
रिपोर्ट के अनुसार, 1061 (76.2 प्रतिशत) लोग व्हाट्सएप , 945 (67.8 प्रतिशत ) लोग यूट्यूब, 511 (36.7 प्रतिशत) लोग इंस्टाग्राम, 522 (37.5 प्रतिशत) लोग फेसबुक, 215 (15.4 प्रतिशत) लोग नेटफ्लिक्स, 164 (11.8 प्रतिशत) लोग अमेजन, 107 (7.7 प्रतिशत) लोग टि््वटर , 207 (14.9 प्रतिशत) लोग स्नैपचैट का इस्तेमाल करते हैं। साइबर पीड़ितों के मामले में अपराध किस सोशल मीडिया/वेब प्लेटफॉर्म पर हुआ इसकी जांच 1380 पीड़ितों से की गई तो पता चला कि 83 लोगों के साथ सर्च इंजन गूगल के जरिए ठगी हुई है। ऑनलाइन फर्जी वेबसाइट बनाकर इन्हें शिकार बनाया गया। वहीं, फेसबुक के जरिए 62, इंस्टाग्राम के जरिए 39, व्हाट्सएप के जरिए 62, ट्विटर के जरिए 10, पेटीएम के जरिए 26, गूगल-पे के जरिए 24 और ओएलएक्स के जरिए 28 लोगों को शातिरों ने ठगी का शिकार बनाया।
बिहार और झारखंड से चल ऑनलाइन ठगी का खेल
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा ठग दिल्ली (एनसीआर), मेवात, राजस्थान के भरतपुर, मुजफ्फरपुर (बिहार), पटना (बिहार), नवादा (बिहार), जामताड़ा, दुमका, गिरिडीह, कोलकाता, देवघर (झारखंड) और साउथ परगाना (पश्चिम बंगाल) के शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में मोबाइल नंबर की लोकेशन भी दिल्ली इन्हीं इलाकों की आती है।
वर्ष 2021 और 22 में हुए सबसे अधिक साइबर अपराध
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 और 22 में अब तक बैंक फ्रॉड, हरासमेंट, सोशल मीडिया से संबंधित अपराध, हैकिंग, जॉब स्कैम, लॉटरी स्कैम, इंश्योरेंस स्कैम और फेक कस्टमर केयर बनकर ठगी के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। ओएलएक्स पर सामान बेचने से लेकर केवाईसी और सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी हो रही है।
साइबर अपराध से बचने के टिप्स
- इंटरनेट पर निजी जानकारी साझा न करें
- किसी एप को फोटो या मैसेज आदि के एक्सेस की अनुमति देने से उसके बारे में पड़ताल कर लें
- किसी के साथ अपने सोशल मीडिया या क्रेडिट-डेबिट कार्ड का पासवर्ड शेयर न करें
- अन-वेरिफाइड वेबसाइट से कुछ डाउनलोड न करें
- अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त लेन-देन को लेकर हमेशा अलर्ट रहें
- ऑनलाइन बैंकिंग के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें
- अपने नेट बैंकिंग पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी), डेबिट-क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डेट का कभी खुलासा न करें
किस वर्ष साइबर ठगी के कितने मामले दर्ज हुए
वर्ष शिकायत केस
- 2013 1050 42
- 2014 1251 37
- 2015 1412 95
- 2016 1480 41
- 2017 2242 43
- 2018 3167 35
- 2019 4793 35
- 2020 6537 60
- 2021 5921 68
- 2022 (11 मार्च तक)1105 18
ऑनलाइन सर्च करते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि शातिरों ने कई फर्जी वेबसाइट बना लीं हैं। वेबसाइट सर्च करने पर लोगों का ठगों के साथ संपर्क हो जाता है और शातिर ठग लोगों को झांसा देकर बैंक खाते संबंधी जानकारी हासिल कर उन्हें शिकार बना लेते हैं। -डीएसी रश्मि शर्मा यादव