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Crime Emergency Response Team

सावधान! MP के कई शहर जामताड़ा की राह पर

हर घर में रद्दी की तरह बिखरे रहते हैं नोट

भोपाल. मध्यप्रदेश के कई शहर जामताड़ा गैंग की राह पर हैं। ल ही में कुछ इसी तरह के मामले सामने आए हैं। बेरोजगारी बढऩे से युवा ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रख रहे हैं। साइबर फॉड के मामले में झारखंड की जामताड़ा गैंग सिंडीकेट की तरह काम करती है। वहां हर घर में नोट रद्दी की तरह बिखरे रहते हैं।

ठगों के पास एक्सपर्ट की टीम
ठगों के पास एक्सपर्ट की टीम होती है। ये गूगल पर विभिन्न कंपनियों के नाम पर फर्जी आइडी बनाकर नंबर डालते हैं। जब लोग इंटरनेट से कंपनी का कस्टमर केयर नंबर सर्च कर फोन करते हैं तो वे बदमाशों के जाल में फंस जाते हैं। इसके बाद बदमाश रकम ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके लिए वे दूसरे से अकाउंट किराए पर लेते हंै। मध्यप्रदेश में भी हाल ही में कुछ इसी तरह के मामले सामने आए हैं। बेरोजगारी बढऩे से युवा ऑनलाइन फ्रॉड कर रख रहे हैं। इंदौर डीसीपी निमिष अग्रवाल ने माना कि शाजापुर के आरोपियों ने वहांं बड़ी संख्या में युवाओं के ऑनलाइन फ्रॉड में शामिल होने की जानकारी दी है। टीकमगढ़ में कई गिरोह हैं, जो लॉटरी के नाम ठगी करते हैं। शिवपुरी से सेक्सटॉर्शन किया जा रहा है।

रीवा में बड़ा खुलासा
रीवा एसपी नवनीत भसीन के मुताबिक हाल ही में रिटायर्ड डीन इनके चंगुल में फंस गए थे। बदमाशों ने उनके खाते से 10 लाख रुपए निकाल लिए। इसके बाद यहां से गई टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। 10 लाख रुपए भी जब्त किए। इस दौरान टीम पर हमले के प्रयास भी हुए थे। दरअसल, बदमाशों का मोहल्ला जामताड़ा के कर्माटाण में बसा है। पुलिस के पहुंचते ही लोग पथराव करने को तैयार हो जाते हैं। इसे देखते हुए पुलिस ने सटीक लोकेशन ट्रेस कर आरोपियों को उनके घर से उठा लिया।

तीन बार हुआ हमला
तीन बार पुलिस पर हमले का प्रयास हुआ। स्थानीय थाने से भी आरोपियों को लेकर निकलना मुश्किल गया था। पुलिस ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग हमले की फिराक में बैठे थे। रात में पुलिस दूसरे रास्ते से आरोपियों को लेकर भागी और 160 किमी दूर निकलने के बाद गाड़ी रोकी थी। लोगों को फंसाने के तमाम हथकंडे: पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि ठगी के इस कारोबार में आधा सैकड़ा युवक काम करते हैं, जिनका अलग-अलग नेटवर्क होता है। सभी फोन पर लोगों को झांसा देते हैं। कभी लॉटरी के नाम पर फोन करते हैं तो कभी एकाउंट वेरिफिकेशन के नाम पर लिंक भेजकर रुपए निकाल लेते हैं। बदमाशों ने सबसे ज्यादा देश की नामी गिरामी कंपनियों के नाम पर फर्जी बेवसाइट बना रखी है, जिसमें अपना नंबर अपलोड करते हंै। जब भी कोई कंपनी का कस्टमर केयर नंबर सर्च करता है तो बदमाशों का नंबर सामने आ जाता है और लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं।

MP के कई इलाके में युवा कर रहे ठगी

शाजापुर: इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने हाल ही में शाजापुर के राजकुमार और उसके तीन साथियों को पकड़ा है। बेरोजगार होने पर इन्होंने ठगी की राह चुन ली थी।
टीकमगढ़: टीकमगढ़ में भी कुछ युवाओं द्वारा फ्रॉड करने की बात सामने आई है। लॉटरी के नाम पर झांसा देकर ठगी करने के कई मामलों में टीकमगढ़ के गिरोह शामिल हैं।
शिवपुरी: इंदौर पुलिस ने हाल ही में शिवपुरी के छह युवकों को पकड़ा तो पता चला कि किराए के फ्लैट में रहकर लोगों के साथ सेक्सटॉर्शन कर वसूली कर रहे थे।

सावधानी बरतें तो नहीं होगी परेशानी
ग्राहकों को बार-बार इस संबंध में जानकारी दी जाती है कि वे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर आने वाले ओटीपी की जानकारी शेयर नहीं करें। बैंक जितने भी कंट्रोल अपने सिस्टम में डालती है, साइबर फ्रॉड करने वाले कई बार उससे आगे निकल जाते हैं। इसलिए सावधानी बरतें। बैंक की तरफ से फोन जाता है तो उसकी पहले पूरी तहकीकात करें।
– एसडी माहुरकर, पूर्व फील्ड महाप्रबंधक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया

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