नई दिल्ली. पेमेंट गेटवे कंपनी द्वारा दर्ज एक पुलिस शिकायत के मुताबिक, हैकर्स और धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों ने 831 विफल लेनदेन को प्रमाणित करने के लिए रेजरपे सॉफ्टवेयर की ऑथराइजेशन प्रोसेस में छेड़छाड़ और हेरफेर करके 7.38 करोड़ रुपये की चोरी की है. रेजरपे के कानूनी विवाद और कानून प्रवर्तन प्रमुख अभिषेक अभिनव आनंद ने 16 मई को दिल्ली के दक्षिण-पूर्व साइबर अपराध प्रकोष्ठ को दर्ज अपनी शिकायत में कहा कि कंपनी 831 लेनदेन के खिलाफ 7.38 करोड़ रुपए को हासिल करने में असमर्थ रही.
शिकायतकर्ता ने कहा कि एक फिनटेक और भुगतान कंपनी ‘ऑथराइजेशन एंड ऑथेंटिकेशन पार्टनर’ फिसर्व से संपर्क करने पर, रेजरपे को बताया गया कि ये लेनदेन विफल हो गए थे और अधिकृत या प्रमाणित नहीं थे. शिकायतकर्ता ने कहा कि फिसर्व से जानकारी मिलने के बाद रेजरपे ने एक आंतरिक जांच की और इस साल 6 मार्च से 13 मई तक, रेजरपे के 16 व्यापारियों के खिलाफ 7,38,36,192 रुपए के 831 लेनदेन का पता लगाया.
कंपनी ने अपनी शिकायत में क्या कहा
आनंद ने अपनी शिकायत में कहा, “इन 831 लेनदेन को ऑथेंटिकेशन और ऑथराइजेशन नाकाम होने के कारण फिसर्व द्वारा विफल या असफल के रूप में चिह्नित किया गया था. हालांकि, यह पता चला है कि कुछ अज्ञात हैकर्स और धोखाधड़ी वाले ग्राहकों ने ‘प्राधिकरण और प्रमाणीकरण प्रक्रिया’ में छेड़छाड़, परिवर्तन और हेरफेर किया है…” आनंद ने आगे कहा, “इस धोखाधड़ी की वजह से 831 लेनदेन के खिलाफ ‘स्वीकृत’ के रूप में झूठे परिवर्तित संचार को रेजरपे सिस्टम को भेजा गया, जिसके परिणामस्वरूप रेजरपे को 7,38,36,192 रुपए का नुकसान हुआ.”
पुलिस कर रही है मामले की जांच
उन्होंने कहा कि झूठे परिवर्तित संचार प्राप्त होने पर, रेजरपे ने अपने व्यापारियों को आदेश की पूर्ति के लिए कन्फर्मेशन भेजा और अपने व्यापारी को लेनदेन का हिसाब बराबर करने को कहा. इस संबंध में, आनंद ने धोखाधड़ी के लेनदेन का विवरण, दिनांक समय और आईपी पते के साथ-साथ अन्य जरूरी विवरण पुलिस को पूछताछ के लिए पेश किये हैं. पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.